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पैर का मोच ठीक करने का सबसे आसान तरीका।

पैर का मोच ठीक करने का सबसे आसान तरीका। मोच आ जाने के कारण हमारा  उठना बैठना चलना इत्यादि बहुत मुश्किल हो जाता है। ऐसा में हमें सिर्फ एक चीज नजर आती है की कैसे इसको ठीक किये जाये। इसको ठीक करने के लिए या तो डॉक्टर की सहायता लेनी पड़ती है या किसी ये आदमी की जो ऐसे मोच आने पर उसको मसाज कर ठीक कर देता हो। लेकिन आप भी ये सोचते होंगे की ये कैसे मोच वाली जगह पर मसाज कर ठीक कर देते है। तो चलिए आपको स्टेप बाई स्टेप बताता हूँ। ताकि आप भी घर बैठे मोच को ठीक कर सके।

मोच आने का कारण क्या है।

मोच (sprain) आमतौर पर शरीर के किसी जोड़ (जैसे टखना, घुटना, कलाई आदि) में अचानक खिंचाव या चोट लगने के कारण होती है। इसमें जोड़ के आसपास की मांसपेशियां, लिगामेंट्स (ligaments), या टिशूज क्षतिग्रस्त हो जाते हैं। मोच आने के कई कारण हो सकते है।लेकिन कुछ सामान्य कारण है। ज्यादातर इन्ही कारण से मोच आता है।

  1. दौड़ते समय अचानक पैर का मुड़ जाना।
  2. गिरने पर शरीर के जोड़ का असामान्य रूप से मुड़ना।
  3. भारी वजन उठाते समय गलत तरीके से शरीर का दबाव पड़ना।
  4. ऊंची एड़ी के जूते पहनना।
  5. सतह पर फिसलन या असमतल जगह पर चलना।
  6. खेलते समय शरीर पर अत्यधिक दबाव पड़ना।
  7. बिना वार्म-अप के व्यायाम शुरू करना।
  8. दुर्घटना या गिरने से।
  9. पुराने चोटों के कारण जोड़ों का कमजोर होना।

मोच कितने प्रकार के होते है।

सबसे पहले आपको ये समझना बहुत जरूरी है ,कि मोच कितने प्रकार का होता है। अगर आप ये समझ गए तो आप ये पता लगा सकेंगे की कौन सी मोच है और इसको किस प्रकार से ठीक कर सकते है। मोच (Sprain) मुख्यतः तीन प्रकार की होती है, जो इस बात पर निर्भर करती है कि चोट कितनी गंभीर है और किस स्तर तक मांसपेशियों को नुकसान पहुंचा है।

पैर का मोच ठीक करने का सबसे आसान तरीका।
पैर का मोच ठीक करने का सबसे आसान तरीका।

1. माइल्ड स्प्रेन (Grade 1)

  • इसमें मांसपेशियों को हल्की क्षति होती है।
  • सूजन और दर्द कम होता है।
  • जोड़ों की गति लगभग सामान्य रहती है।
  • यह आमतौर पर जल्दी ठीक हो जाती है, 1-2 सप्ताह में।

2. मॉडरेट स्प्रेन (Grade 2)

  • सूजन और दर्द अधिक होता है।
  • जोड़ों में हल्का अस्थिरता महसूस होती है।
  • ठीक होने में कुछ सप्ताह (3-6 सप्ताह) लग सकते हैं।

3. सीवियर स्प्रेन (Grade 3)

  • सूजन, दर्द, और जोड़ों में अस्थिरता बहुत अधिक होती है।
  • इस स्थिति में चलना या हिलना मुश्किल हो सकता है।
  • इलाज के लिए फिजियोथेरेपी या सर्जरी की आवश्यकता हो सकती है।

आमतौर पर प्रभावित क्षेत्र

  • एड़ी (Ankle sprain)
  • घुटना (Knee sprain)
  • कलाई (Wrist sprain)
  • कमर या पीठ (Back sprain)

मोच ठीक करने के लिए मसाज तकनीकों का उपयोग दर्द को कम करने, सूजन घटाने, और मांसपेशियों के तनाव को कम करने में मदद कर सकता है। हालांकि, मसाज से पहले यह जरूरी है कि आप सुनिश्चित करें कि कोई गंभीर चोट (जैसे फ्रैक्चर) न हो। यदि दर्द अधिक है, सूजन बढ़ रही है, या हड्डी में समस्या हो सकती है, तो डॉक्टर से परामर्श करें।

मोच ठीक करने के लिए मसाज कैसे करे।

आरंभिक आराम और ठंडा उपचार (पहले 24-48 घंटे)

    1. चोट के तुरंत बाद मसाज न करें।
    2. सूजन और दर्द को कम करने के लिए बर्फ का उपयोग करें।
    3. प्रभावित क्षेत्र को ऊंचाई पर रखें।

हल्का तेल लगाएं

    1. गर्म सरसों का तेल, नारियल तेल, या किसी दर्द निवारक तेल को हल्का गर्म करके लगाएं।
    2. यह रक्त प्रवाह को बढ़ाने और आराम देने में मदद करता है।

हल्के दबाव से मसाज शुरू करे

    1. प्रभावित क्षेत्र पर उंगलियों की सहायता से हल्के गोल घुमावदार तरीके से मसाज करें।
    2. अधिक जोर से दबाव न डालें।

गहरी मांसपेशी मसाज

    1. दर्द थोड़ा कम हो जाने के बाद, मांसपेशियों और टिशू में रक्त संचार बढ़ाने के लिए थोड़ा गहरा दबाव डालें।
    2. अंगूठे या हथेली से सीधी रेखाओं में मसाज करें।

खींचाव और आराम

      1. मसाज के बाद धीरे-धीरे प्रभावित हिस्से को खींचने का प्रयास करें।
      2. बहुत ज्यादा खींचाव न डालें।

गर्म पट्टी या सिकाई करें:

    1. मसाज के बाद, गर्म पानी की थैली या गर्म तौलिए से सिकाई करें।
    2. यह दर्द और मांसपेशियों के खिंचाव को कम करेगा।

दिन में दो बार मसाज करें:

    1. नियमित मसाज से रिकवरी जल्दी होगी।

सावधानियां

  1. कभी भी ज्यादा जोर से मसाज न करें।
  2. यदि दर्द बढ़ जाए या सूजन में वृद्धि हो, तो मसाज बंद कर दें।
  3. मोच के मामले में आराम और सही देखभाल सबसे महत्वपूर्ण है।

मोच आने के बाद डॉक्टर से सम्पर्क कब करे।

मोच आने पर आमतौर पर घरेलू उपचार से आराम मिल सकता है, जैसे कि आराम, बर्फ लगाना, दबाव डालना (बैंडेज), और पैर को ऊंचा रखना। लेकिन कुछ परिस्थितियों में डॉक्टर से संपर्क करना जरूरी हो जाता है। निम्नलिखित स्थितियों में डॉक्टर से सलाह ले।1. अत्यधिक दर्द और सूजन

  1. अगर दर्द बहुत तेज हो और सूजन कम न हो रही हो।
  2. दर्द सामान्य गतिविधियों को करने में बाधा डाल रहा हो।

2. चलने या वजन डालने में कठिनाई

  1. अगर पैर पर वजन डालने में असमर्थ हों या चलने में परेशानी हो।

3. घुटने या टखने का असामान्य आकार

  1. अगर मोच वाली जगह पर हड्डी असामान्य रूप से उभरी या मुड़ी हुई दिखे।

4. घाव या चोट के साथ मोच

  1. अगर मोच के साथ खुला घाव हो या चोट गहरी हो।

5. बेहतर न होने पर

  1. अगर घरेलू उपचार के 48-72 घंटे बाद भी कोई सुधार न हो।

6. अलार्मिंग लक्षण

  1. झनझनाहट, सुन्नता, या मोच वाले हिस्से में गर्माहट महसूस हो।

7. पुरानी मोच या कमजोरी

  1. अगर पैर में पहले से कमजोरी हो और बार-बार मोच आ रही हो।

डॉक्टर एक्स-रे, एमआरआई या अन्य परीक्षण करके यह सुनिश्चित करेंगे कि हड्डी टूटी नहीं है और सही इलाज करेंगे।

ध्यान दे:-अगर मोच गंभीर हो, तो लापरवाही करने से यह लंबे समय तक परेशानी दे सकती है। समय पर इलाज कराना जरूरी है।

FAQ:-

मोच क्या है?
मोच एक चोट है, जो आमतौर पर तब होती है जब किसी मांसपेशी, जोड़, या लिगामेंट (मांसपेशियों को जोड़ने वाली पट्टी) में अत्यधिक खिंचाव या क्षति हो जाती है।

मोच के लक्षण क्या होते हैं?

  1. दर्द और सूजन
  2. प्रभावित क्षेत्र में लालिमा
  3. हिलाने-डुलाने में कठिनाई
  4. प्रभावित क्षेत्र पर गर्मी या सूजन महसूस होना

मोच का प्राथमिक उपचार क्या है?
मोच का इलाज आरंभिक चरण में “RICE तकनीक” से किया जा सकता है:

  1. Rest (आराम): प्रभावित अंग को आराम दें।
  2. Ice (बर्फ): सूजन को कम करने के लिए बर्फ का उपयोग करें (15-20 मिनट के लिए)।
  3. Compression (संपीड़न): इलास्टिक बैंडेज से लपेटें, लेकिन अधिक कसकर नहीं।
  4. Elevation (ऊंचाई पर रखें): सूजन कम करने के लिए प्रभावित अंग को दिल के स्तर से ऊपर रखें।

घरेलू उपाय क्या हैं?

  1. हल्दी का पेस्ट लगाएं, क्योंकि यह सूजन और दर्द कम करने में मदद करता है।
  2. गर्म पानी में सेंधा नमक मिलाकर प्रभावित क्षेत्र की सिकाई करें।
  3. लहसुन का तेल हल्का गर्म करके मसाज करें।

डॉक्टर को कब दिखाना चाहिए?

  1. यदि दर्द असहनीय हो।
  2. यदि सूजन 2-3 दिनों में कम न हो।
  3. यदि हड्डी के टूटने की संभावना हो।
  4. यदि प्रभावित क्षेत्र नीला या सुन्न हो जाए।

क्या फिजियोथेरेपी मदद करती है?
हां, यदि मोच गंभीर है, तो फिजियोथेरेपी जोड़ के कार्य को बहाल करने में सहायक हो सकती है।

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