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नाखून चबाने की आदत पड़ सकती है भारी, इसे छोड़ने के 5 आसान तरीके।

नाखून चबाने से क्या होता है?

बहुत लोगो को नाखून चबाने की आदत होती है। कई लोग तो बचपन से इस आदत अपनाते आ रहे। लेकिन ये कितना घातक हो सकता है उनको ये नहीं पता होता है इसलिए वो इस आदत को छोड़ नहीं रहे है। नाखून चबाना (nail biting), जिसे चिकित्सा भाषा में ओनिकोफेजिया (onychophagia) कहा जाता है, एक आम लेकिन हानिकारक आदत है। यह आदत बच्चों और वयस्कों में समान रूप से पाई जाती है। लोग आमतौर पर तनाव, चिंता, बोरियत, या आदत के कारण नाखून चबाते हैं। हालांकि यह एक सामान्य आदत लग सकती है, लेकिन इसके पीछे कई स्वास्थ्य समस्याएं छिपी हो सकती हैं। आइए जानें नाखून चबाने से शरीर और मानसिक स्वास्थ्य पर क्या प्रभाव पड़ता है।

स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं। 

नाखून चबाने से सबसे पहले हमारे हाथों और मुंह के बीच गंदगी और कीटाणुओं का सीधा आदान-प्रदान होता है। नाखूनों के नीचे और आसपास बैक्टीरिया, वायरस और गंदगी छुपे रहते हैं, जो चबाने के दौरान सीधे पेट और शरीर में चले जाते हैं। इसके परिणामस्वरूप निम्न समस्याएं हो सकती है। 

  1. पेट में संक्रमण। 
    नाखून चबाने से बैक्टीरिया जैसे E. coli और साल्मोनेला शरीर में प्रवेश कर सकते हैं, जिससे पेट दर्द, उल्टी और दस्त जैसी समस्याएं हो सकती हैं।
  2. दांतों की समस्या। 
    नाखून चबाने से दांतों पर अतिरिक्त दबाव पड़ता है, जिससे दांत कमजोर हो सकते हैं या उनके टूटने की संभावना बढ़ जाती है। इसके अलावा, दांतों की स्थिति बिगड़ने और मसूड़ों में संक्रमण का खतरा रहता है।इससे मसूड़ो में संक्रमण बहुत तेजी के साथ फैलता है। 
  3. त्वचा संक्रमण। 
    नाखूनों के चारों ओर की त्वचा फट सकती है, जिससे बैक्टीरिया उस क्षेत्र में संक्रमण फैला सकते हैं। इससे लालिमा, सूजन और दर्द हो सकता है।कभी कभी आप देखते है अचनाक से नाखुनो के आस पास लाल हो जाता है और उसके साथ साथ सूजन भी हो जाता है जिसके कारण हमे बहुत दर्द का सामान करना पड़ता है। 

मानसिक स्वास्थ्य पर प्रभाव। 

नाखून चबाने की आदत अक्सर तनाव और चिंता का परिणाम होती है। हालांकि यह एक अस्थायी राहत प्रदान कर सकती है, लेकिन लंबे समय में यह समस्या को और बढ़ा सकती है।

  1. आत्मविश्वास की कमी
    नाखून चबाने के कारण हाथों की स्थिति खराब हो जाती है, जो सार्वजनिक रूप से आत्मविश्वास को कम कर सकता है। लोग अपने हाथों को छिपाने की कोशिश करते हैं, जिससे सामाजिक संपर्क में असहजता महसूस हो सकती है।
  2. आदत का गहराना
    नाखून चबाने की आदत समय के साथ मजबूत हो सकती है और इसे छोड़ना मुश्किल हो जाता है। यह आदत व्यक्ति के तनाव प्रबंधन कौशल को कमजोर बना सकती है।

दीर्घकालिक प्रभाव। 

अगर नाखून चबाने की आदत को समय रहते नहीं रोका गया, तो इसके गंभीर दीर्घकालिक प्रभाव हो सकते हैं:

  1. नाखूनों का विकृत होना
    बार-बार नाखून चबाने से उनके बढ़ने की प्राकृतिक प्रक्रिया बाधित होती है। इससे नाखून कमजोर, टूटे हुए और अनियमित हो सकते हैं।
  2. अस्थायी दर्द और स्थायी क्षति
    नाखूनों को बार-बार चबाने से उनके चारों ओर की त्वचा कठोर या स्थायी रूप से क्षतिग्रस्त हो सकती है।
  3. मुंह के रोग
    नाखून चबाने से मुंह में छाले, मसूड़ों की सूजन और दांतों के क्षय की संभावना बढ़ जाती है।

नाखून चबाने की आदत छोड़ने के उपाय। 

  1. कारण को पहचाने
    समझने की कोशिश करें कि आप किन परिस्थितियों में नाखून चबाते हैं। अगर यह तनाव या बोरियत की वजह से होता है, तो इसे दूर करने के लिए वैकल्पिक गतिविधियां अपनाएं।
  2. नाखूनों की देखभाल करे
    नियमित रूप से नाखून काटें और उन्हें साफ रखें। नाखूनों पर नेल पॉलिश लगाने से भी चबाने की आदत को रोका जा सकता है।
  3. वैकल्पिक गतिविधियां अपनाए
    जब नाखून चबाने का मन हो, तो गम चबाएं, हाथों में तनाव गेंद (stress ball) पकड़ें या कोई और कार्य करें जिससे हाथ व्यस्त रहें।
  4. पेशेवर मदद ले। 
    अगर यह आदत बहुत ज्यादा बढ़ गई है और आप इसे खुद से नहीं रोक पा रहे हैं, तो मनोवैज्ञानिक या काउंसलर की मदद लें।

निष्कर्ष

नाखून चबाने की आदत एक छोटी सी समस्या लग सकती है, लेकिन इसके पीछे गंभीर स्वास्थ्य और मानसिक समस्याएं हो सकती हैं। यह आदत न केवल हमारे हाथों और नाखूनों को नुकसान पहुंचाती है, बल्कि यह हमारे संपूर्ण स्वास्थ्य को भी प्रभावित करती है। सही समय पर इसे पहचान कर इसे रोकने के लिए कदम उठाना बेहद जरूरी है। अपने स्वास्थ्य का ध्यान रखें और इस आदत को छोड़कर बेहतर जीवन जीने की कोशिश करें।

FAQs:

नाखून चबाने की आदत क्यों होती है?
नाखून चबाना एक आम आदत है, जो अक्सर तनाव, चिंता, बोरियत, या आदत से बनती है। इसे मेडिकल भाषा में “ऑनिकोफैगिया” कहा जाता है।

नाखून चबाने से क्या नुकसान हो सकते हैं?
नाखून चबाने से बैक्टीरिया और संक्रमण का खतरा बढ़ जाता है, दांतों को नुकसान हो सकता है, और नाखून अस्वस्थ दिखने लगते हैं। यह आपकी त्वचा और नाखूनों में घाव पैदा कर सकता है।

नाखून चबाने की आदत छोड़ने में कितना समय लगता है?
हर व्यक्ति के लिए अलग-अलग समय लग सकता है। आदत छोड़ने के लिए लगातार प्रयास और धैर्य जरूरी है। आमतौर पर 21 से 30 दिन लग सकते हैं।

नाखून चबाने से बचने के लिए क्या किया जा सकता है?

  1. नाखूनों पर कड़वा नेल पॉलिश लगाएं।
  2. ध्यान भटकाने के लिए स्ट्रेस बॉल का इस्तेमाल करें।
  3. नाखूनों को हमेशा साफ और ट्रिम रखें।
  4. खुद को इनाम देने का सिस्टम बनाएं।
  5. चिंता कम करने के लिए ध्यान या मेडिटेशन करें।

क्या नाखून चबाना किसी बड़ी समस्या का संकेत हो सकता है?
हां, अगर यह आदत ज्यादा गंभीर हो या लंबे समय तक बनी रहे, तो यह तनाव, एंग्जाइटी, या ओसीडी (ऑब्सेसिव कंपल्सिव डिसऑर्डर) जैसी मानसिक स्वास्थ्य समस्याओं का संकेत हो सकती है। ऐसे में डॉक्टर से सलाह लें।

नाखून चबाने की आदत छोड़ने के 5 आसान तरीके:

  1. नाखूनों पर कड़वा फ्लेवर वाला नेल पॉलिश लगाएं।
  2. बार-बार नाखून काटने के लिए खुद को याद दिलाने वाले नोट्स रखें।
  3. हाथों को व्यस्त रखने के लिए कोई क्रिएटिव एक्टिविटी अपनाएं।
  4. च्युइंग गम चबाएं, ताकि मुंह व्यस्त रहे।
  5. मानसिक स्वास्थ्य के लिए मेडिटेशन या योग का सहारा लें।

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