दांतो में झनझनाहट या सनसनी कई कारणों से हो सकती है। आमतौर पर यह दाँतों की संवेदनशीलता के कारण होता है, जब दाँतों की बाहरी परत (इनेमल) क्षतिग्रस्त हो जाती है या घिस जाती है। इससे ठंडा, गर्म, खट्टा, या मीठा खाने-पीने पर दाँतों की नसों तक सीधा संपर्क हो जाता है, जिससे झनझनाहट महसूस होती है। इसके अलावा, दाँतों की सड़न, मसूड़ों की बीमारियाँ, या दाँतों पर अत्यधिक दबाव डालने से भी यह समस्या हो सकती है।

ठंडा पानी पीने पर दांतो में झनझनाहट क्यों होता है।Why does teeth tingle when we drink cold water?
जब हम ठंडा पानी पीते हैं, तो यह संवेदनशील दांतों पर असर डालता है। दांतों की बाहरी परत, जिसे इनेमल कहा जाता है, अगर कमजोर हो जाती है या क्षतिग्रस्त हो जाती है, तो वह दांत के अंदर की नसों को पर्याप्त सुरक्षा नहीं दे पाती। ठंडा पानी इन नसों तक पहुंच जाता है, जिससे झनझनाहट या दर्द का अनुभव होता है। इस समस्या को अक्सर “दांतों की संवेदनशीलता” कहा जाता है और यह इनेमल के घिसने या मसूड़ों के हटने के कारण हो सकती है।

दांतो में झनझनाहट और दर्द क्यों होता है।Why does teeth tingle and pain?.
दांतो में झनझनाहट और दर्द एक सामान्य समस्या है, जिसका सामना अक्सर लोग करते हैं। यह समस्या कई अलग-अलग कारणों से हो सकती है। दाँतों की इस असुविधा को नजरअंदाज करना भविष्य में और बड़ी समस्याओं को जन्म दे सकता है। दाँतों में झनझनाहट और दर्द के ऐसे पाँच संभावित कारण हो सकते है।
दांतो में झनझनाहट के कारण: Causes of tingling in teeth.
- दाँतों की संवेदनशीलता (Tooth Sensitivity): दाँतों की बाहरी परत, जिसे इनेमल कहा जाता है, हमारे दाँतों की रक्षा करती है। जब इनेमल घिस या क्षतिग्रस्त हो जाता है, तो दाँतों के भीतर की नसों तक ठंडे, गर्म, खट्टे या मीठे पदार्थों का सीधा संपर्क हो जाता है। इस स्थिति में दांतो में झनझनाहट या तेज़ सनसनी महसूस हो सकती है। इसे “दाँतों की संवेदनशीलता” कहा जाता है।
- दाँतों की सड़न (Tooth Decay): दाँतों में कैविटी बनने पर भी झनझनाहट महसूस हो सकती है। जब बैक्टीरिया दाँतों को नुकसान पहुँचाते है, तो वह दाँत के अंदरूनी हिस्से तक पहुँच सकते हैं, जिससे झनझनाहट और दर्द दोनों महसूस हो सकते हैं।
- मसूड़ों की समस्या (Gum Disease): मसूड़ों की सूजन या इंफेक्शन से दाँतों की जड़ें भी प्रभावित हो सकती हैं, जिससे दाँत संवेदनशील हो जाते हैं। मसूड़ों की बीमारियाँ जैसे कि जिंजिवाइटिस या पेरियोडॉन्टल बीमारी भी दांतो में झनझनाहट का कारण बन सकती हैं।
- दाँतों पर अत्यधिक दबाव (Teeth Grinding): कई लोग नींद में दाँत पीसते हैं, जिसे ब्रुक्सिज़्म कहते हैं। इससे दाँतों पर अत्यधिक दबाव पड़ता है, जिससे इनेमल को नुकसान पहुँचता है और दांतो में झनझनाहट हो सकती है।
दाँतों में दर्द के कारण: Causes of toothache.
- संक्रमण (Infection): दाँतों के अंदर जीवाणु संक्रमण से दर्द हो सकता है। दाँतों में इंफेक्शन गहरे नसों तक फैल सकता है, जिससे तीव्र दर्द होता है। इस स्थिति में रूट कैनाल की आवश्यकता हो सकती है।
- मसूड़ों की बीमारी: जब मसूड़े संक्रमण से प्रभावित होते है, तो वे सूज जाते है और उनमें से पस निकल सकता है। यह संक्रमण दाँतों के आसपास की हड्डी को प्रभावित करता जिससे दर्द होता है।
- फटे या टूटे दाँत: यदि दाँत फट जाता है या टूट जाता है, तो उसकी नसें उजागर हो जाती हैं, जिससे दर्द और झनझनाहट दोनों महसूस होती है।
- असमान दाँतों का बढ़ना: जब दाँत प्राकृतिक रूप से बढ़ते है या दाँतों के बीच दबाव होता है, तो इससे दर्द हो सकता है। विशेषकर जब अक्लदाढ़ (विजडम टीथ) निकल रही होती है, तो आस-पास के दाँतों पर दबाव डालने से दर्द होता है।

दांतो में झनझनाहट का इलाज। Treatment for tingling in teeth.
- संवेदनशीलता के लिए विशेष टूथपेस्ट (Desensitizing Toothpaste): दाँतों की संवेदनशीलता को कम करने के लिए बाजार में खास टूथपेस्ट उपलब्ध हैं। ये टूथपेस्ट दाँतों की नसों को सुरक्षा प्रदान करते हैं और नियमित उपयोग से संवेदनशीलता कम कर सकते हैं। टूथपेस्ट में पोटैशियम नाइट्रेट जैसे तत्व होते हैं जो नसों को शांत करते हैं और झनझनाहट को कम करते हैं।
- फ्लोराइड ट्रीटमेंट (Fluoride Treatment): डेंटिस्ट द्वारा फ्लोराइड जेल या वार्निश लगाने से दाँतों की बाहरी परत को मजबूत किया जा सकता है। यह इनेमल की मरम्मत करने में मदद करता है और संवेदनशीलता को कम करता है। फ्लोराइड ट्रीटमेंट दाँतों की सुरक्षा बढ़ाने का एक प्रभावी तरीका है।
- गम ग्राफ्ट सर्जरी (Gum Graft Surgery): अगर मसूड़ों के पीछे हटने की वजह से दाँतों की जड़ें खुली हो गई हैं, तो डेंटिस्ट गम ग्राफ्ट सर्जरी का सुझाव दे सकते हैं। इस प्रक्रिया में मसूड़ों के हिस्से को फिर से दाँतों की जड़ों पर लगाया जाता है, जिससे संवेदनशीलता कम होती है।
- रूट कैनाल (Root Canal): अगर दाँतों की नसें संक्रमित या गंभीर रूप से क्षतिग्रस्त हो गई हैं, तो रूट कैनाल ट्रीटमेंट एक प्रभावी विकल्प हो सकता है। यह प्रक्रिया दाँतों की भीतरी नसों को हटाकर संक्रमण को ठीक करती है और दर्द या झनझनाहट को खत्म करती है।
- दाँतों की सड़न का इलाज (Treatment for Cavities): अगर झनझनाहट का कारण कैविटी है, तो डेंटिस्ट इसे भरकर या कैविटी के आसपास की मरम्मत करके समस्या का समाधान कर सकते हैं। कैविटी भरने से दाँतों की संवेदनशीलता और दर्द कम होता है।
- सही ब्रशिंग तकनीक अपनाएं: ज़रूरत से ज़्यादा ज़ोर से ब्रश करना इनेमल को नुकसान पहुँचाता है, इसलिए नरम ब्रिसल्स वाले टूथब्रश का उपयोग करें और हल्के हाथों से ब्रश करें। दिन में दो बार ब्रश करें और सही तरीके से ब्रशिंग करना सीखें ताकि दाँतों और मसूड़ों को सुरक्षा मिल सके।
- डेंटल माउथ गार्ड (Dental Mouth Guard): अगर आप नींद में दाँत पीसते हैं (ब्रुक्सिज्म), तो डेंटिस्ट माउथ गार्ड की सलाह दे सकते हैं। यह दाँतों को पीसने से बचाता है और इनेमल को नुकसान पहुँचने से रोकता है, जिससे झनझनाहट कम होती है।
- खाने-पीने की आदतों में बदलाव: एसिडिक और मीठे खाद्य पदार्थों का सेवन कम करें, क्योंकि ये इनेमल को कमजोर कर सकते हैं। अधिक मात्रा में ठंडा या गर्म भोजन भी दाँतों में झनझनाहट पैदा कर सकता है। इसलिए, संतुलित आहार और स्वस्थ आदतें बनाए रखना दाँतों की सेहत के लिए जरूरी है।

दांतो में झनझनाहट और दर्द को कम करने वाले टूथपेस्ट (Desensitizing Toothpaste).
यह दांतो में झनझनाहट को कम करने का सबसे आम उपाय है। ये टूथपेस्ट दाँतों की नसों को सुरक्षा प्रदान करते हैं और नियमित उपयोग से संवेदनशीलता कम करते हैं। कुछ प्रमुख ब्रांड्स जैसे।
- सेंसोडाइन (Sensodyne): यह पोटैशियम नाइट्रेट और फ्लोराइड युक्त टूथपेस्ट है, जो दाँतों की नसों को शांत करता है और इनेमल को मजबूत बनाता है।
- कॉलगेट सेंसिटिव (Colgate Sensitive): यह टूथपेस्ट दाँतों की संवेदनशीलता को कम करने में मदद करता है।
- फ्लोराइड जेल और वार्निश (Fluoride Gel and Varnish): डेंटिस्ट द्वारा फ्लोराइड जेल या वार्निश का इस्तेमाल दाँतों की बाहरी परत को मजबूत बनाने और सड़न को रोकने के लिए किया जाता है। यह दाँतों की संवेदनशीलता को कम करने और उन्हें क्षति से बचाने का प्रभावी तरीका है।
- ओरल एनाल्जेसिक जैल (Oral Analgesic Gel): यह जैल सीधे प्रभावित दाँत पर लगाया जाता है, जिससे दाँतों के आसपास की नसों को अस्थायी रूप से सुन्न कर दिया जाता है। इससे दर्द में राहत मिलती है। बाजार में उपलब्ध कुछ लोकप्रिय जैल हैं:
- ओराजेल (Orajel): यह जैल बेंजोकाइन युक्त होता है, जो दर्द और सूजन को तुरंत राहत देता है।
- एनेबेसोल (Anbesol): यह भी एक दर्द निवारक जैल है, जो दाँतों की संवेदनशीलता और दर्द को कम करता है।

दांतो में झनझनाहट और दर्द की दवा। Medicine for tingling and pain in teeth.
पेनकिलर्स (Painkillers): जब दाँतों में दर्द गंभीर हो, तो दर्द निवारक दवाइयाँ त्वरित राहत दे सकती हैं। डॉक्टर या डेंटिस्ट के परामर्श से निम्नलिखित दवाइयाँ ली जा सकती है।
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- इबुप्रोफेन (Ibuprofen): यह सूजनरोधी और दर्दनिवारक दवा है, जो दाँतों की सूजन और दर्द को कम करती है।
- पेरासिटामोल (Paracetamol): हल्के से मध्यम दर्द के लिए पेरासिटामोल का इस्तेमाल किया जा सकता है।
- नैप्रॉक्सन (Naproxen): यह दवा दाँतों के गंभीर दर्द के लिए उपयोगी हो सकती है, खासकर अगर दर्द सूजन के कारण हो रहा हो।
एंटीबायोटिक्स (Antibiotics): अगर दाँतों में संक्रमण (इंफेक्शन) की वजह से दर्द हो रहा है, तो डेंटिस्ट एंटीबायोटिक दवाइयाँ दे सकते हैं। इससे संक्रमण को नियंत्रित किया जा सकता है। कुछ आम एंटीबायोटिक्स हैं:
- अमोक्सिसिलिन (Amoxicillin): यह दाँतों के संक्रमण के लिए आमतौर पर दी जाने वाली एंटीबायोटिक है।
- क्लिंडामाइसिन (Clindamycin): यह दवा गंभीर संक्रमण के मामलों में उपयोग की जाती है।
- नॉन-स्ट्रेरॉइडल एंटी-इंफ्लेमेटरी ड्रग्स (NSAIDs): दाँतों के दर्द और सूजन को कम करने के लिए NSAIDs का उपयोग किया जा सकता है। ये दवाइयाँ दर्द और सूजन दोनों से राहत देती हैं। आमतौर पर इबुप्रोफेन और नैप्रॉक्सन NSAIDs की श्रेणी में आते हैं।
माउथवॉश (Medicinal Mouthwash): एंटीबैक्टीरियल माउथवॉश का उपयोग मसूड़ों की बीमारियों और दाँतों में संक्रमण से बचने के लिए किया जाता है। ये माउथवॉश मसूड़ों की सूजन और दाँतों की संवेदनशीलता को कम करने में सहायक होते हैं। कुछ लोकप्रिय माउथवॉश हैं:
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- क्लोरहेक्सिडिन (Chlorhexidine): यह माउथवॉश मसूड़ों की सूजन और दाँतों के संक्रमण को नियंत्रित करने में मदद करता है।
- लिस्टरिन (Listerine): यह एंटीसेप्टिक माउथवॉश है, जो बैक्टीरिया को खत्म करता है और मुँह की सफाई बनाए रखता है।

दांतो के झनझनाहट और दर्द का घरेलु इलाज। Home remedies for teeth tingling and pain.
- नमक के पानी से कुल्ला (Salt Water Rinse): पानी में नमक डालकर हल्का गर्म करके गरारे करने से दाँतों की सूजन और संक्रमण को कम किया जा सकता है। यह एक प्राकृतिक एंटीसेप्टिक है, जो मुँह के बैक्टीरिया को कम करता है और दाँतों के दर्द में राहत प्रदान करता है।
- लौंग का तेल (Clove Oil): लौंग में यूजेनॉल नामक यौगिक होता है, जो प्राकृतिक दर्दनिवारक के रूप में कार्य करता है। थोड़ी-सी रुई पर लौंग का तेल लगाकर दर्द वाले दाँत पर लगाने से आराम मिलता है।
- बर्फ से सिकाई (Ice Pack): अगर दाँतों के दर्द के साथ सूजन हो, तो बर्फ की थैली को दर्द वाले हिस्से पर लगाने से दर्द और सूजन में राहत मिलती है।
निष्कर्ष
दांतो में झनझनाहट और दर्द का इलाज विभिन्न दवाइयों और उपचारों से किया जा सकता है, जो समस्या की जड़ और गंभीरता पर निर्भर करता है। संवेदनशीलता के लिए विशेष टूथपेस्ट, फ्लोराइड ट्रीटमेंट और दर्दनिवारक जैल त्वरित राहत देते हैं, जबकि पेनकिलर्स और एंटीबायोटिक्स दाँतों के दर्द और संक्रमण को नियंत्रित करने में मदद करते हैं। हालांकि, दाँतों की समस्याओं को लंबे समय तक नज़रअंदाज करना नुकसानदेह हो सकता है, इसलिए किसी भी प्रकार की गंभीर समस्या होने पर तुरंत डेंटिस्ट से सलाह लें।
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