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टायफाइड बुखार को किचन के सामान से करे चुटकियो में जड़ से खत्म। Get rid of typhoid fever in a jiffy with kitchen items

टायफाइड बुखार क्या है।What is typhoid fever?

टायफाइड बुखार एक बैक्टीरियल संक्रमण है,जो साल्मोनेला टाइफी नामक बैक्टीरिया के कारण होता है। यह संक्रमित भोजन और पानी के माध्यम से फैलता है। और उन क्षेत्रों में अधिक आम होता है जहां स्वच्छता की कमी होती है। इसे मियादी बुखार के नाम से भी जाना जाता है। यह बच्चे, जवान या बूढ़े किसी को भी प्रभावित कर सकता है। इससे प्रभावित होने वाले व्यक्ति में तेज बुखार, कमजोरी, पेट में दर्द, सिरदर्द, और भूख न लगना शामिल हैं। अगर इसका इलाज न किया जाए तो यह गंभीर जटिलताएँ पैदा कर सकता है,और जानलेवा हो सकता है। इसका इलाज आमतौर पर एंटीबायोटिक्स से किया जाता है।सही समय पर इसका जांच और सही इलाज बहुत जरुरी होता है। आयुर्वेद में इसका इलाज बताया गया है। जो आप अपने किचन के समान से इस बीमारी का इलाज कर सकते है,और इस बीमारी से बच सकते।

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टाईफाइड बुखार के कुछ लक्षण –

टायफाइड बुखार के कुछ आम लक्षण होते है, जिनकी मदद से आप आसनी से पता लगा सकते है,कि व्यक्ति टायफाइड बुखार से पीड़ित है या नहीं।ऐसे ही कुछ लक्षणों के बारे में हमने नीचे बताये हुए है,अगर आप के किसी सदस्य में ऐसे लक्षण दिखते है,तो आपको तुरंत नजदीकी स्वस्थ्य केंद्र पर जाना चाहिए। टायफाइड भुखार के कुछ निम्नलिखित है।

  1. तेज भुखार होना ।
  2. कमजोरी या थकान महसूस होना ।
  3. पेट में दर्द होना ।
  4. सर में दर्द होना ।
  5. भूख में कमी महसूस होना ।
  6. दस्त या कब्ज होना।
  7. दाने (पेट पर गुलाबी रंग के धब्बे )दिखाना।
  8. मांसपेशियों में दर्द होना ।
  9. ठण्ड लगना।

टाइफाइड होने के कारण। Due to typhoid.

टाइफाइड बुखार का मुख्य कारण सल्मोनेला टाइफी  बैक्टीरिया है। यह बैक्टीरिया दूषित पानी और भोजन के माध्यम से मानव शरीर में प्रवेश करता है। टाइफाइड एक गंभीर बीमारी हो सकती है, लेकिन सही सावधानी और समय पर उपचार से इसे रोका और नियंत्रित किया जा सकता है। यहां टाइफाइड के प्रमुख चार कारण दिए गए है।

  1. टाइफाइड बैक्टीरिया दूषित पानी के सेवन से फैल सकता है। बिना उबाला या बिना फिल्टर किया हुआ पानी पीने से संक्रमण का खतरा बढ़ जाता है।
  2. गंदे हाथों से खाना बनाना या खाना खाना, टाइफाइड बैक्टीरिया के फैलने का कारण बनता है। शौचालय का उपयोग करने के बाद हाथ न धोना या अस्वच्छ शौचालय का उपयोग करना भी संक्रमण का कारण हो सकता है।
  3. विशेष रूप से कच्ची या अधपकी सब्जियां और फल, दूषित खाद्य पदार्थों के संपर्क में आने से संक्रमण फैल सकता है। खाद्य सामग्री की ठीक से सफाई न होने या उन्हें सही तापमान पर न पकाने के कारण भी टाइफाइड फैल सकता है।
  4. टाइफाइड से पीड़ित व्यक्ति का मल या मूत्र संक्रमित हो सकता है। अगर ऐसे संक्रमित व्यक्ति से सीधे संपर्क में आकर हाथ धोए बिना खाना खा लिया जाए तो बैक्टीरिया फैल सकता है।

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टाईफाइड बुखार से राहत पाने के घरेलू उपाय।Home remedies to get relief from typhoid fever.

टाइफाइड बुखार से राहत पाने के लिए लहसुन का सेवन करना बहुत ही फायदेमंद माना जाता है। लहसुन में कई सारे पोषक तत्व के गुण पाए जाते हैं जो टाइफाइड बुखार से राहत दिलाने में मदद करते हैं।लहसुन के दस पंद्रह कालिया को लेकर उसके ऊपर के छिलके को अच्छी तरह साफ कर ले। तुलसी का पौधा आपके आस पास या आपके आँगन में आसानी से मिल जायेगा। तुसली के दस या पंद्रह पत्ती को लेकर अच्छी तरह से पानी में धो ले और अपने पास रख ले। अगर किसी कारण बस आपको नहीं मिलता है ,तो आप बाजार से भी बड़ी आसानी से खरीद सकते है।अदरक  20 ग्राम या 25ग्राम लेकर अच्छे से धो ले और उसका पेस्ट बना ले। एक चम्मच जीरा ले,और बाजार से 20 या 25 रुपये का चिरैता ले कर इन सब को एक साथ मिलकर दो गिलास पानी में डालकर उबाले जब आधा पानी बच जाये उसके बाद उसे छान ले और थोड़ा थोड़ा सुबह शाम पिए और इसके साथ साथ आप बाजार से महासुदर्शन चूर्ण माँगा ले। और इसका अपने इच्छा अनुसार सेवन करे ऐसा करने से बहुत जल्द आपको इस बीमारी से आराम मिल जायेगा।

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टाइफाइड बुखार में क्या करे क्या न करे What to do and what not to do in typhoid fever.

  1. टाइफाइड बुखार में शरीर के सामान्य तापमान को बनाए रखना बहुत महत्वपूर्ण है।इसके लिए नार्मल पानी से एक सूती कपड़े को भीगा ले और उस कपड़े को पट्टी बना कर माथे पर ढक दे,और आधे-आधे घंटे में उस पट्टी के पानी को गर कर दूसरे पानी में भीगो कर दोबारा माथे पर रखे। आप एक कपड़े को ठंडे पानी में गीला करके इसे रोगी के माथे, पैर और हाथों पर लगा सकते हैं। हालांकि, इस प्रक्रिया में इस्तेमाल किया गया पानी ज्यादा ठंडा नहीं होना चाहिए। इस प्रक्रिया से मरीज को बहुत आराम मिलता है।
  2.   आहार में बदलाव: हल्का, आसानी से पचने वाला भोजन जैसे सूप, खिचड़ी, और हर्बल चाय का सेवन करें। मसालेदार, तेल से बानी चीजे और भारी भोजन से बचें।
  3. हाइड्रेशन: पर्याप्त मात्रा में पानी, हर्बल चाय, और नारियल पानी पिएं ताकि शरीर हाइड्रेटेड रहे।
  4. विश्राम: शरीर को ठीक होने में मदद के लिए पर्याप्त आराम आवश्यक है,गर्म बिस्तर का प्रयोग कर। खुले में न टहले।
  5. किसी भी उपचार को शुरू करने से पहले आयुर्वेदिक चिकित्सक से परामर्श अवश्य ले।

डिस्क्लेमर: यह लेख केवल सामान्य जानकारी के लिए है।इसके साथ साथ अपने नजदीकी स्वस्थ केन्द्र पर जाकर सलाह जरूर ले। ज्यादा जानकारी के लिए हमेशा अपने डॉक्टर से संपर्क करें।

 

 

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