क्या आप भी गले में जलन और खट्टे डकार से परेशान है,इसका 100% आयर्वेदिक इलाज बताएँगे जो चुटकियो में राहत दिलाएगी।गले में जलन और खट्टे डकार की समस्या आमतौर पर पाचन तंत्र से जुड़ी होती है, जो एसिड रिफ्लक्स या एसिडिटी के कारण होती है।जब आपके पेट में खाना नहीं पचता है। और सुबह पेट पूरी तरह से नहीं साफ होती है तो इस प्रकार की समस्या हमारे सामने प्रकट हो जाती है।

लेकिन कोई घबराने की बात नहीं है। बस हमारे बताये गए अनुसार इलाज करे इससे आपको बहुत जल्द छुटकारा मिल जायेगा।आयुर्वेद में पाचन तंत्र के असंतुलन को ठीक करने और इस समस्या को जड़ से समाप्त करने के लिए कई प्राकृतिक उपाय दिए गए हैं। आइए जानते हैं आयुर्वेदिक दृष्टिकोण से गले में जलन और खट्टे डकार का उपचार।
गले में जलन और खट्टे डकार होते क्यों है आइये जानते है।
जब आप अनियमित (जिसका कोई नियम न हो )खानपान और मिर्च मसालेदार भोजन करने से आपको पेट गैस की समस्या हो जाती है। और इसी के कारण गले में जलन और कभी -कभी खट्टे डकार भी आते है। बहुत अधिक ताली भुनी या अम्लीय पदार्थ का सेवन करने से भी ये समस्या होती है। ताली भुनी चीजे खाने से पेट गैस की समस्या कुछ ही देर में शुरू हो जाती है।काफी लोगो की आदत होती है की जैसे खाना खाये वो तुरंत लेट जाते है या सो जाते है। ऐसा करने से बहुत ज्यादा इस प्रकार की समस्या होती है।खाना खाने के बाद कुछ समय टहलना चाहिए जिससे खाना को पचने में सहयाता मिल सके।

धूम्रपान और शराब के सेवन से कुछ इस प्रकार की समस्या होती है।धूम्रपान खाने वाले लोगो को अक्सर पेट गैस समस्या होती रहती है।और धीरे धीरे ठीक जाती है।जिस व्यक्ति का पाचनतंत्र ठीक नहीं रहता है और गैस बनता है ऐसे व्यक्ति में समस्या बहुत देखी जाती है। लेकिन कोई घबराने की बात नहीं है। ये समस्या हर आदमी को कभी न कभी होती रहती है।
गले में जलन और खट्टे डकार का आयुर्वेदिक उपचार।
त्रिफला चूर्ण का सेवन:- त्रिफला एक प्रसिद्ध आयुर्वेदिक औषधि है,जो पाचन तंत्र को मजबूत बनती है और एसिडिटी को कम करती है।रात सोने से पहले एक चम्मच त्रिफला चूर्ण को गुनगुने पानी के साथ लें।इससे आपके पाचन में सुधार होगा और गले की जलन कम होगी।

आंवला का रस:- आंवला एक प्राकृतिक एंटीऑक्सिडेंटपाया जाता है, जो शरीर में एसिडिटी को नियंत्रित करता है और पाचन तंत्र को ठीक करता है। रोजाना एक चम्मच आंवला का रस सुबह खाली पेट पीने से गले की जलन और खट्टे डकार की समस्या मे बहुत ज्यादा राहत मिलती है।
धनिया और जीरा का काढ़ा :- धनिया और जीरा के काढ़े का सेवन एसिडिटी और पेट की समस्याओं के लिए बेहद फायदेमंद होता है। एक चम्मच धनिया और जीरा को पानी में उबालकर पीए। इससे गले की जलन और खट्टे डकार मे राहत मिलती है।
तुलसी पत्तों का उपयोग :- तुलसी पत्ते एंटीऑक्सिडेंट गुणों से भरपूर होते है,जो पेट की समस्याओं को ठीक करने में मदद करते हैं। तुलसी के कुछ पत्तों को चबाने या तुलसी की चाय पीने से एसिडिटी कम होती है,और गले की जलन और खट्टी डकार दूर होती है।

पानी की पर्याप्त मात्रा में सेवन:- शरीर में पानी की कमी भी एसिडिटी और खट्टे डकार का कारण बन सकती है। इसलिए आप दिनभर में पर्याप्त मात्रा में पानी पीए। खाना खाने से आधा घंटे पहले और खाना खाने के आधा घंटा बाद पानी पिए इससे आप जो कुछ खाएंगे पिएंगे वो अच्छे से पेट में पचता रहेगा और एसिडिटी नहीं होगी और पेट गैस और खट्टी डकार से हमेशा के लिए छुटकारा पा सकते है।
ध्यान योग बाते :- गले में जलन और खट्टे डकार की समस्या को आयुर्वेदिक उपायों के माध्यम से आसानी से ठीक किया जा सकता है। आयुर्वेद में दिए गए इन प्राकृतिक उपचारों को नियमित रूप से अपनाकर आप अपनी पाचन तंत्र की समस्याओं से छुटकारा पा सकते हैं। फिर भी, अगर समस्या बनी रहती है, तो किसी विशेषज्ञ से सलाह लेना आवश्यक है।धन्यवाद। ….
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